1 आध्यात्म क्या है Adyatm kya hai?

आध्यात्म का अर्थ है एक सफल जीवन जीने का मार्ग है यह आपको सफल जीवन जीना सिखाता है अब वह चाहे भौतिक सफलता हो या आध्यात्मिक, शारिरिक सफलता हो या आत्मिक व्यक्ति सभी क्षेत्रों मे सफलता हासिल करता है

आध्यात्म क्या है – आध्यात्म के ऊपर कई परिभाषाऐं है परन्तु मेरे गुरुदेव द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार

यह कैसे होगा?

यह होगा स्वयं को जानने से और यह तभी संभव है जब व्यक्ति किसी गुरु के सानिध्य में हो क्योकि गुरु ही वह आधार है जो तुम्हे स्वयं से मिलवाता है क्योकि कोई व्यक्ति युंही इस धरा पर नही आता सबका अपना एक उद्देश्य होता है यह उद्देश्य हम स्वयं के कर्म तथा समय काल के अधीन रहकर भूल जाते है जिसे केवल गुरु ही आपको परिचित करवाता है।

आध्यात्म एक system है जिसके अंदर सभी चीजों का समावेश है।

2 आध्यात्म जगत क्या है?

आध्यात्म जगत क्या है?

अदृश्य जगत का ही दूसरा नाम आध्यात्म है

इस जगत को सामान्य दृष्टि से नही देखा जा सकता या यह कहें की सामान्य जन इसे नही देख सकता इस जगत को देखने के लिए आपको सूक्ष्म होना होगा जो की गुरु के सानिध्य में ही हो सकता है, यहां आपकी कुल शक्तियों से लेकर समस्त बड़ी शक्तियां जितना भी आपने नाम सुना है सभी यहीं विद्यमान है

यह सभी अपनी-अपनी ऊर्जा तथा शक्तियों के आधार पर अलग-अलग Dimension मे स्थित होती है

जिन्हे देखने के लिए आपको अलग-अलग Dimension मे जाना होगा जो की आध्यात्म की एक गुढ क्रिया है

अपके लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है की आप इस जगत की महत्वत्ता को समझें।

यह क्षेत्र आपके श्रध्दा और विश्वास पर आधारित है यह आपको वह सब प्राप्त करा सकता है जिसकी आपने कभी कल्पना की होगी।

3 आध्यात्म की सीमा कहां तक हैं?

आध्यात्म की  सीमा कहां तक है?

आध्यात्म की सीमा को हम विज्ञान से तुलनात्मक तरीके से समझेंगे यह तुलना आपको समझाने के लिए है जहां तक विज्ञान का सवाल है तो विज्ञान केवल इलेक्ट्रोन,प्रोटोन तथा न्यूट्रॉन तक ही जा सका है विज्ञान की सीमा यहीं तक है परन्तु आध्यात्म इससे भी ज्यादा सूक्ष्म है जिसे जानने के लिए आपको सूक्ष्म दृष्टि तथा अपने अंदर काफी गहराईयों मे जाना होगा जो एक आध्यात्म गुरु के सानिध्य में ही हो सकता है अत: मै कह सकता हूं की आध्यात्म की कोई सीमा नही है जितना आध्यात्म की गहराईयों में जायेंगे उतना ही कुछ नया मिलेगा उतने ही रहस्य खुलेंगे

यह आप पर निर्भर करता है।

4 आध्यात्म से मिलने वाले लाभ।

आध्यात्म के द्वारा व्यक्ति भावनात्मक रूप से ईश्वर से जुड़ाव करता है

  • व्यक्ति का स्वभाव सरल एवं सुलझा हुआ होता है
  • मस्तिष्क विकार दूर होता है
  • व्यक्ति के तेज ओज मे वृध्दि होती है
  • व्यक्ति का उद्देश्य निश्चित होता है
  • ईश्वरीय कृपा उस पर बनी रहती है
  • व्यक्ति हर क्षेत्रों मे सफलता हासिल करता है
  • शारिरिक विकार दूर होते है
  • व्यक्ति मे धैर्य का विकास होता है

और ऐसे बहुत से लाभ अथवा गुण व्यक्ति मे विकसित होते रहते है

5 आध्यात्म मे आने की उम्र कितनी होनी चाहिए?

आध्यात्म मे आने की उम्र कितनी होनी चाहिए?
         आध्यात्म मे आने की कोई उम्र नही होती लेकिन यदि मै आध्यात्म से मिलने वाले लाभ के आधार पर यदि बात करूं तो आध्यात्म मे आने की उम्र कम-से-कम 10 वर्ष होनी चाहिए 
         इतने समय तक मानव की बुध्दि तथा शरीर आध्यात्मानुसार विकसित हो जाता है। और मेरे गुरुदेव का तो यही मत है की जब जागो तब सबेरा अर्थात व्यक्ति जब चाहे आध्यात्म की शुरूआत कर सकता है।  

Leave a Comment